बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो By Sher << यही जम्हूरियत का नक़्स है... इलाही कश्ती-ए-दिल बह रही ... >> बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता Share on: