इलाही कश्ती-ए-दिल बह रही है किस समुंदर में By Sher << बिछड़ने का इरादा है तो मु... इश्क़ में शिकवा कुफ़्र है... >> इलाही कश्ती-ए-दिल बह रही है किस समुंदर में निकल आती हैं मौजें हम जिसे साहिल समझते हैं Share on: