बिखरा बिखरा सा साज़-ओ-सामाँ है By Sher << इतनी सारी यादों के होते भ... फलदार था तो गाँव उसे पूजत... >> बिखरा बिखरा सा साज़-ओ-सामाँ है हम कहीं दिल कहीं अक़ीदा कहीं Share on: