ब-ज़ाहिर यूँ तो मैं सिमटा हुआ हूँ By Sher << सैंकड़ों दिलकश बहारें थीं... कहते हैं इश्क़ का अंजाम ब... >> ब-ज़ाहिर यूँ तो मैं सिमटा हुआ हूँ अगर सोचो तो फिर बिखरा हुआ हूँ Share on: