बू-ए-गुल था मैं हाथ क्या आता By Sher << गुफ़्तुगू रेख़्ते में हम ... कुछ दिन की रौनक़ बरसों का... >> बू-ए-गुल था मैं हाथ क्या आता कितने सय्याद ले के दाम आए Share on: