बुझ गई है बस्तियों की आग इक मुद्दत हुई By Sher << शौहरों से बीबियाँ लड़ती ह... आगे बढ़ूँ तो ज़र्द घटा मे... >> बुझ गई है बस्तियों की आग इक मुद्दत हुई ज़ेहन में लेकिन अभी तक शो'लगी मौजूद है Share on: