बुझी रूह की प्यास लेकिन सख़ी By Sher << एक इक लफ़्ज़ से मअनी की क... मैं अपनी ज़ात की तन्हाई म... >> बुझी रूह की प्यास लेकिन सख़ी मिरे साथ मेरा बदन भी तो है Share on: