बुरा क्या है बाँधो अगर तेग़-ओ-ख़ंजर By Sher << गूँध के गोया पत्ती गुल की... कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं... >> बुरा क्या है बाँधो अगर तेग़-ओ-ख़ंजर मगर पहले अपनी कमर देख लेना Share on: