कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं से By Sher << बुरा क्या है बाँधो अगर ते... तुझे दानिस्ता महफ़िल में ... >> कुछ तो मिल जाए लब-ए-शीरीं से ज़हर खाने की इजाज़त ही सही Share on: