बुत तराशा था इन्ही हाथों से मैं ने एक दिन By Sher << चैन पड़ता ही नहीं और ये द... बहा ले जाएगी सब >> बुत तराशा था इन्ही हाथों से मैं ने एक दिन पर किसे मा'लूम था वो बुत ख़ुदा हो जाएगा Share on: