चैन पड़ता ही नहीं और ये दिल By Sher << चंद यादों के दिए थोड़ी तम... बुत तराशा था इन्ही हाथों ... >> चैन पड़ता ही नहीं और ये दिल रोज़ कहता है कि यूँ है यूँ है Share on: