बुतों से तुझ को उमीदें ख़ुदा से नौमीदी By Sher << ज़िंदा रहने का हक़ मिलेगा... मौसम-ए-दिल जो कभी ज़र्द स... >> बुतों से तुझ को उमीदें ख़ुदा से नौमीदी मुझे बता तो सही और काफ़िरी क्या है Share on: