मौसम-ए-दिल जो कभी ज़र्द सा होने लग जाए By Sher << बुतों से तुझ को उमीदें ख़... आज दीवाने का ज़ौक़-ए-दीद ... >> मौसम-ए-दिल जो कभी ज़र्द सा होने लग जाए अपना दिल ख़ून करो फूल उगाने लग जाओ Share on: