चाहता हूँ मैं तशद्दुद छोड़ना By Sher << सफ़र का रुख़ बदल कर देखता... फ़िराक़-ए-ख़ुल्द से गंदुम... >> चाहता हूँ मैं तशद्दुद छोड़ना ख़त ही लिखते हैं जवाबी लोग सब Share on: