चलो कि जज़्बा-ए-इज़हार चीख़ में तो ढला By Sher << अब तुम से क्या किसी से शि... हाजी तू तो राह को भूला मं... >> चलो कि जज़्बा-ए-इज़हार चीख़ में तो ढला किसी तरह इसे आख़िर अदा भी होना था Share on: