चाँद हैं न तारे हैं आसमाँ के आँगन में By Sher << नज़र आती नहीं सड़कों पे ल... वो मेरे राज़ मुझ में चाहत... >> चाँद हैं न तारे हैं आसमाँ के आँगन में रक़्स करते हैं शोले अब तो शब के दामन में Share on: