वो मेरे राज़ मुझ में चाहता है मुन्कशिफ़ करना By Sher << चाँद हैं न तारे हैं आसमाँ... वो इक लम्हा जो तेरे क़ुर्... >> वो मेरे राज़ मुझ में चाहता है मुन्कशिफ़ करना मुझे मेरे घने साए में तन्हा छोड़ जाता है Share on: