चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना By Sher << सफ़र कहाँ से कहाँ तक पहुँ... दिल जो टूटा है तो फिर याद... >> चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना बड़ी दूर तक रात ही रात होगी Share on: