चारों तरफ़ हैं मज़हबी चारों तरफ़ हैं नफ़रतें By Sher << आईना आईना तैरता कोई अक्स है मेरा चेहरा सैकड़ों चेह... >> चारों तरफ़ हैं मज़हबी चारों तरफ़ हैं नफ़रतें सब की नमाज़ एक है सब का जिहाद एक है Share on: