आईना आईना तैरता कोई अक्स By Sher << है वो जब दिल में तो कैसी ... चारों तरफ़ हैं मज़हबी चार... >> आईना आईना तैरता कोई अक्स और हर ख़्वाब में दूसरा ख़्वाब है Share on: