उमीद-ए-वस्ल ने धोके दिए हैं इस क़दर 'हसरत' By Sher << उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन... क़ुबूल इस बारगह में इल्ति... >> उमीद-ए-वस्ल ने धोके दिए हैं इस क़दर 'हसरत' कि उस काफ़िर की हाँ भी अब नहीं मालूम होती है Share on: