उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती By Sher << या-रब ग़म-ए-हिज्राँ में इ... उमीद-ए-वस्ल ने धोके दिए ह... >> उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती वा'दा न वफ़ा करते वा'दा तो किया होता Share on: