चोट जब दिल पर लगे फ़रियाद पैदा क्यूँ न हो By Sher << देख आओ मरीज़-ए-फ़ुर्क़त क... बोले वो बोसा-हा-ए-पैहम पर >> चोट जब दिल पर लगे फ़रियाद पैदा क्यूँ न हो ऐ सितम-आरा जो ऐसा हो तो ऐसा क्यूँ न हो Share on: