चूमा था एक दिन किसी गुल की जबीन को By Sher << कल रात मैं बहुत ही अलग सा... बे-ख़बर रोड पे इन भागते ब... >> चूमा था एक दिन किसी गुल की जबीन को लहजे से आज तक मिरे ख़ुशबू नहीं गई Share on: