क़फ़स से दूर सही मौसम-ए-बहार तो है By Sher << अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ ... जो अहल-ए-ज़ौक़ हैं वो लुत... >> क़फ़स से दूर सही मौसम-ए-बहार तो है असीरो आओ ज़रा ज़िक्र-ए-आशियाँ हो जाए Share on: