जो अहल-ए-ज़ौक़ हैं वो लुत्फ़ उठा लेते हैं चल फिर कर By Sher << क़फ़स से दूर सही मौसम-ए-ब... निकल गए हैं जो बादल बरसने... >> जो अहल-ए-ज़ौक़ हैं वो लुत्फ़ उठा लेते हैं चल फिर कर गुलिस्ताँ का गुलिस्ताँ में बयाबाँ का बयाबाँ में Share on: