क्यूँ न आ कर उस के सुनने को करें सब यार भीड़ By रेख़्ता, Sher << क्यूँ तिरी थोड़ी सी गर्मी... क्यूँ मलामत इस क़दर करते ... >> क्यूँ न आ कर उस के सुनने को करें सब यार भीड़ 'आबरू' ये रेख़्ता तू नीं कहा है धूम का Share on: