क्यूँकर करूँ मैं तर्क शराब-ओ-कबाब को By Sher << सैंकड़ों दिलकश बहारें थीं... बे-हिसी पर मिरी वो ख़ुश थ... >> क्यूँकर करूँ मैं तर्क शराब-ओ-कबाब को ज़ाहिद है याद हुक्म-ए-कुलू-वशरबू मुझे Share on: