डाल दो साया अपने आँचल का By Sher << होती कहाँ है दिल से जुदा ... डाल कर ग़ुंचों की मुँदरी ... >> डाल दो साया अपने आँचल का ना-तवाँ हूँ कफ़न भी हो हल्का Share on: