दालान में सब्ज़ा है न तालाब में पानी By Sher << हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़... जिस हुस्न की है चश्म-ए-तम... >> दालान में सब्ज़ा है न तालाब में पानी क्यूँ कोई परिंदा मिरी दीवार पे उतरे Share on: