दर पे शाहों के नहीं जाते फ़क़ीर अल्लाह के By Sher << हुजूम-ए-अश्क में मिलता नह... दर्द-ओ-ग़म को भी है नसीबा... >> दर पे शाहों के नहीं जाते फ़क़ीर अल्लाह के सर जहाँ रखते हैं सब हम वाँ क़दम रखते नहीं lord's mendicants refuse to go to doors of shahs and such where men keep their heads, our feet will never touch Share on: