दर्द की बात किसी हँसती हुई महफ़िल में By Sher << 'अतीक़' बुझता भी ... बिखर बिखर गया इक मौज-ए-रा... >> दर्द की बात किसी हँसती हुई महफ़िल में जैसे कह दे किसी तुर्बत पे लतीफ़ा कोई Share on: