दरिया-ए-शराब उस ने बहाया है हमेशा By Sher << अगरचे कहने को कल काएनात अ... कौन मस्लूब हुआ हुस्न का क... >> दरिया-ए-शराब उस ने बहाया है हमेशा साक़ी से जो कश्ती के तलबगार हुए हैं Share on: