दरवाज़ा जो खोला तो नज़र आए खड़े वो By Sher << हमें भी आफ़ियत-ए-जाँ का ह... लज़्ज़त-ए-सज्दा-हा-ए-शौक़... >> दरवाज़ा जो खोला तो नज़र आए खड़े वो हैरत है मुझे आज किधर भूल पड़े वो Share on: