दस बीस हर महीने में अबरू नज़र पड़े By Sher << तुम नहीं आओगे ख़बर है हमे... गिनतियों में ही गिने जाते... >> दस बीस हर महीने में अबरू नज़र पड़े इस साल सारे चाँद हुए तीस तीस के Share on: