दश्त-ए-ज़ुल्मात में हम-राह मिरे By Sher << देख ले ज़रा आ कर आँसुओं क... दिए मुंडेर प रख आते हैं ह... >> दश्त-ए-ज़ुल्मात में हम-राह मिरे कोई तो है जो जला है मुझ में Share on: