दश्त-ए-वहशत में नहीं मिलता है साया काँपता By Sher << वो बुराई सब से मेरी कर रह... गिरजा में मंदिरों में अज़... >> दश्त-ए-वहशत में नहीं मिलता है साया काँपता मैं हूँ सौदाई मिरा हम-ज़ाद सौदाई नहीं Share on: