दस्तक में कोई दर्द की ख़ुश्बू ज़रूर थी By Sher << मिरी मैली हथेली पर तो बचप... मैं इतनी रौशनी फैला चुका ... >> दस्तक में कोई दर्द की ख़ुश्बू ज़रूर थी दरवाज़ा खोलने के लिए घर का घर उठा Share on: