मिरी मैली हथेली पर तो बचपन से By Sher << हर लम्हा अगर गुरेज़-पा है दस्तक में कोई दर्द की ख़ु... >> मिरी मैली हथेली पर तो बचपन से ग़रीबी का खरा सोना चमकता है Share on: