दस्तूर ही अलग है तिरी बज़्म-ए-नाज़ का By Sher << हम ने अश्क बहाए कब हैं मर गए 'जोशिश' इसी... >> दस्तूर ही अलग है तिरी बज़्म-ए-नाज़ का इल्ज़ाम दे के कह दिया इल्ज़ाम ही तो है Share on: