मर गए 'जोशिश' इसी दरयाफ़्त में By Sher << दस्तूर ही अलग है तिरी बज़... दर्द हो दुख हो तो दवा कीज... >> मर गए 'जोशिश' इसी दरयाफ़्त में क्या कहें है कौन सी शय ज़िंदगी Share on: