दयार-ए-फ़िक्र-ओ-हुनर को निखारने वाला By Sher << रंग-ओ-ख़ुशबू का कहीं कोई ... न मिज़ाज-ए-नाज़-ए-जल्वा क... >> दयार-ए-फ़िक्र-ओ-हुनर को निखारने वाला कहाँ गया मिरी दुनिया सँवारने वाला Share on: