देख कर हर उज़्व उन का दिल हो पानी बह चला By Sher << मेरे ब'अद वफ़ा का धोक... ख़्वान-ए-फ़लक पे नेमत-ए-अ... >> देख कर हर उज़्व उन का दिल हो पानी बह चला खोल छाती बे-तकल्लुफ़ जब नहाएँ बाग़ में Share on: