देख वो दश्त की दीवार है सब का मक़्तल By Sher << न सोचो तर्क-ए-तअल्लुक़ के... जब भी अड़ जाते हैं हर हाल... >> देख वो दश्त की दीवार है सब का मक़्तल इस बरस जाऊँगा मैं अगले बरस जाएगा तू Share on: