जब भी अड़ जाते हैं हर हाल में बैअ'त पे यज़ीद By Sher << देख वो दश्त की दीवार है स... साफ़ क्या हो सोहबत-ए-ज़ाह... >> जब भी अड़ जाते हैं हर हाल में बैअ'त पे यज़ीद फिर कफ़न ओढ़ के इंकार निकल आते हैं Share on: