देखा क़द-ए-गुनाह पे जब इस को मुल्तफ़ित By Sher << एक काटा राम ने सीता के सा... दरिया पे टीकरी से परे ख़ा... >> देखा क़द-ए-गुनाह पे जब इस को मुल्तफ़ित बढ़ कर हद-ए-निगाह लगी उस को ढाँपने Share on: