दरिया पे टीकरी से परे ख़ानक़ाह थी By Sher << देखा क़द-ए-गुनाह पे जब इस... चौखटा दिल का यहाँ है हू-ब... >> दरिया पे टीकरी से परे ख़ानक़ाह थी तब तेरे मेरे प्यार की दुनिया गवाह थी Share on: