देखना हर सुब्ह तुझ रुख़्सार का By Sher << हम उस की ज़ुल्फ़ की ज़ंजी... लज़्ज़त-ए-दर्द-ए-जिगर याद... >> देखना हर सुब्ह तुझ रुख़्सार का है मुताला मतला-ए-अनवार का Share on: