धूप बढ़ी तो वो भी अपने अपने पाँव खींच गए By Sher << आँसू तुम्हारी आँख में आए ... ख़ुशियाँ जो बट रही थीं वो... >> धूप बढ़ी तो वो भी अपने अपने पाँव खींच गए मैं ने अपने हिस्से की जिन पेड़ों को हरियाली दी Share on: