ख़ुशियाँ जो बट रही थीं वो हम को नहीं मिलीं By Sher << धूप बढ़ी तो वो भी अपने अप... दिलों से ख़ौफ़ निकलता नही... >> ख़ुशियाँ जो बट रही थीं वो हम को नहीं मिलीं आई हमारी बारी तो वापस नज़र हुई Share on: